चीनी विदेश मंत्री ने हाल ही में भारत के साथ संबंधों में सौहार्दपूर्ण रुख अपनाया है और कहा कि हाल की कुछ “परेशानियों” से दोनों देशों को कोई लाभ नहीं हुआ। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता कायम करने की दिशा में दोनों पक्ष सक्रिय रूप से प्रयासरत हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत कुमार डोभाल ने कहा कि सीमा पर शांति और संतुलन की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत अब और अधिक सार्थक और ठोस हुई है। डोभाल के अनुसार, हाल की बैठकों और परामर्शों ने दोनों पक्षों को अपने मतभेदों को समझने और शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद की है।
डोभाल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में चीन का दौरा करेंगे। यह शिखर सम्मेलन दोनों देशों के लिए क्षेत्रीय सहयोग और आर्थिक, सुरक्षा व रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच होगा।
और पढ़ें: महाराष्ट्र में लगातार बारिश से आठ की मौत, 14 लाख एकड़ फसलें बर्बाद
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का सौहार्दपूर्ण रुख और द्विपक्षीय बातचीत की तीव्रता दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और स्थायी समाधान खोजने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। यह दृष्टिकोण भविष्य में सीमा विवादों और अन्य रणनीतिक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने में सहायक होगा।
भारत और चीन के बीच स्थिरता बनाए रखना दक्षिण एशिया की सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दिशा में दोनों देशों के बीच लगातार संवाद और बातचीत जारी रहना अपेक्षित है।
और पढ़ें: विपक्ष के सवालों के बीच, चुनाव आयोग ने कहा- निर्वाचन प्रणाली मजबूत करने के लिए उठाए 28 कदम