जम्मू-कश्मीर के स्वतंत्र सांसद इंजीनियर राशिद को अदालत ने 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान की अनुमति दे दी है। वर्तमान में इंजीनियर राशिद जेल में बंद हैं, लेकिन अदालत ने विशेष आदेश देते हुए उन्हें इस महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार प्रदान किया।
गौरतलब है कि इससे पहले भी उन्हें 24 जुलाई से 4 अगस्त तक संसद के मानसून सत्र में भाग लेने के लिए हिरासत परोल दी गई थी। उस समय उन्होंने संसद की कार्यवाही में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। अब अदालत का यह निर्णय राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे संसदीय लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की भूमिका और जिम्मेदारी को मजबूती मिलती है।
इंजीनियर राशिद, जो कि जम्मू-कश्मीर से सांसद चुने गए थे, वर्तमान में विभिन्न मामलों में आरोपों का सामना कर रहे हैं और न्यायिक हिरासत में हैं। इसके बावजूद, अदालत का यह फैसला इस बात को दर्शाता है कि लोकतांत्रिक ढांचे में निर्वाचित प्रतिनिधियों के संवैधानिक अधिकारों का सम्मान सर्वोपरि है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल संसद की गरिमा को बनाए रखेगा बल्कि चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और समावेशिता को भी मजबूत करेगा। विपक्षी दलों ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे लोकतंत्र के लिए सकारात्मक बताया है।
अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इंजीनियर राशिद को चुनाव में भाग लेने की सुविधा उपलब्ध कराएं।
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