आम आदमी पार्टी (AAP) ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वह गोवा में कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना को खारिज करती है, क्योंकि पार्टी को कांग्रेस नेताओं के संभावित दलबदल को लेकर गंभीर चिंता है।
यह बयान तब आया जब AAP के गोवा कार्यकारी अध्यक्ष राजेश कलंगुटकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी ने इस इस्तीफे को “आंतरिक पुनर्गठन” का हिस्सा बताया, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन से जुड़ी अटकलों से जोड़कर देखा जा रहा था।
AAP के गोवा संयोजक अमित पलकर ने कहा कि पार्टी राज्य में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी और जनता के मुद्दों पर केंद्रित अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा, “हम कांग्रेस जैसी पार्टी के साथ हाथ नहीं मिला सकते, जिसने बार-बार अपने विधायकों को दलबदल करने दिया है। गोवा की जनता स्थिर और साफ राजनीति चाहती है।”
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पलकर ने यह भी कहा कि गोवा में राजनीतिक अस्थिरता की मुख्य वजह कांग्रेस का असंगठित नेतृत्व और बार-बार पार्टी विधायकों का भाजपा में जाना रहा है। AAP का मानना है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से उसकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचेगा।
विश्लेषकों का कहना है कि AAP के इस कदम से राज्य में तीन-कोणीय मुकाबले की स्थिति बन सकती है, जहाँ भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपने-अपने दम पर मैदान में उतरेंगी।
पार्टी ने दावा किया कि वह गोवा में शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन जैसे मुद्दों पर जनता का विश्वास जीतने में सफल होगी।
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