भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने सिर की गंभीर चोटों के निदान के लिए एक स्वदेशी तकनीक विकसित की है, जो सीटी और एमआरआई स्कैन के विकल्प के रूप में काम कर सकती है। यह उपकरण, जिसका नाम CEREBO है, एक पोर्टेबल, हैंडहेल्ड और नॉन-इनवेसिव (बिना चीरा लगाए) ब्रेन डाइग्नोस्टिक टूल है।
आईसीएमआर के अनुसार, यह तकनीक रंग-कोडेड, विकिरण-मुक्त और कम लागत वाले परिणाम प्रदान करती है। यह उपकरण शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है, जबकि पारंपरिक सीटी और एमआरआई स्कैन में विकिरण का खतरा बना रहता है।
आईसीएमआर ने बताया कि CEREBO से मस्तिष्क की चोट का निदान तेज और सरल हो जाएगा, विशेष रूप से उन जगहों पर जहां अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में यह उपकरण डॉक्टरों के लिए जीवनरक्षक साबित हो सकता है।
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परिषद ने इस स्वदेशी तकनीक को व्यापक स्तर पर लागू करने के लिए राज्य सरकारों से सहयोग मांगा है। अधिकारियों के मुताबिक, यदि राज्यों का समर्थन मिला तो इस तकनीक को सरकारी अस्पतालों और एंबुलेंस सेवाओं तक पहुंचाया जा सकता है, जिससे आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि CEREBO के जरिए समय पर निदान संभव होगा, जिससे रोगियों को सही इलाज मिल सकेगा और जानें बचाई जा सकेंगी।
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