केंद्र सरकार ने अमेरिकी ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ के असर से निपटने के लिए बहु-मंत्रालयी निर्यात प्रोत्साहन योजना (Multi-Ministry Export Promotion Scheme) तैयार की है। इस योजना का उद्देश्य टैरिफ से प्रभावित प्रमुख क्षेत्रों जैसे कि टेक्सटाइल और केमिकल उद्योगों को नई प्राथमिकता देना है।
इस योजना के तहत मौजूदा बजट में घोषित निर्यात प्रोत्साहन कार्यक्रम को विस्तारित किया जाएगा। इसमें MSME निर्यातकों को कई लाभ दिए जाएंगे, जिनमें क्रेडिट गारंटी, तेज़ क्लीयरेंस और अतिरिक्त निर्यात प्रोत्साहन शामिल हैं। यह कदम उन उद्योगों की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ाने के लिए उठाया गया है, जिन्हें अमेरिकी बाजार में टैरिफ के कारण नुकसान हो सकता है।
विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय के माध्यम से इस योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके तहत न केवल वित्तीय सहायता दी जाएगी, बल्कि निर्यातकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल और तेज़ बनाने के उपाय भी किए जाएंगे। इसका उद्देश्य भारतीय निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूत स्थिति दिलाना और अमेरिकी टैरिफ के प्रतिकूल असर को कम करना है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारतीय MSME और अन्य निर्यातक उद्योगों के लिए राहत प्रदान करेगा। इसके साथ ही यह योजना भारत की वैश्विक व्यापार नीति और निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मकता को भी मजबूत बनाएगी।
केंद्र सरकार की यह पहल दिखाती है कि वह अंतरराष्ट्रीय व्यापार चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्रिय रूप से रणनीति तैयार कर रही है। योजना के लागू होने से निर्यातकों को वित्तीय, तकनीकी और प्रक्रियात्मक सहूलियत मिलेगी, जिससे भारत का निर्यात क्षेत्र वैश्विक बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेगा।
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