भारत ने गुरुवार को कहा कि वह तालिबान शासित अफगानिस्तान को जलविद्युत (हाइड्रोइलेक्ट्रिक) परियोजनाओं के निर्माण में सहयोग देने के लिए तैयार है। विदेश मंत्रालय (MEA) के आधिकारिक प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा कि दोनों देश जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में आपसी सहयोग के इतिहास पर आगे बढ़ सकते हैं।
जयसवाल ने बताया कि हाल ही में जारी भारत-अफगानिस्तान संयुक्त वक्तव्य में जल संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए सहयोग को लेकर सहमति बनी थी। उन्होंने कहा, “जैसा कि हाल ही में अपनाए गए संयुक्त वक्तव्य में उल्लेख किया गया है, भारत अफगानिस्तान को जल संसाधनों के सतत प्रबंधन, विशेषकर जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण में सहयोग देने के लिए तैयार है।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, इस क्षेत्र में भारत और अफगानिस्तान के बीच पहले भी सहयोग रहा है, जिसमें हेरात प्रांत में स्थित सलमा बांध (इंडिया-अफगान फ्रेंडशिप डैम) प्रमुख उदाहरण है।”
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भारत की यह प्रतिक्रिया तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की 10 अक्टूबर को हुई भारत यात्रा के बाद आई है। उस दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी और संयुक्त बयान में जलविद्युत परियोजनाओं को संभावित सहयोग का हिस्सा बताया गया था।
तालिबान प्रशासन ने भारत के इस रुख का स्वागत किया है। मुत्ताकी ने कहा कि अफगानिस्तान भारत के सहयोग को सकारात्मक दृष्टि से देखता है और इससे देश के ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता और विकास को बल मिलेगा।
भारत ने यह भी दोहराया कि वह अफगानिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और देश के सतत विकास में रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है।
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