भारत के उपराष्ट्रपति को कोई नियमित वेतन नहीं मिलता, लेकिन उन्हें कई भत्ते और शानदार सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। ये भत्ते और सुविधाएं उनके उच्च पद और जिम्मेदारियों के अनुरूप होती हैं। उपराष्ट्रपति के लिए सरकारी आवास, वाहन, कर्मचारी और सुरक्षा की सुविधा प्रदान की जाती है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उपराष्ट्रपति का आवास राज्यसभा भवन के परिसर में स्थित होता है, जिसमें पूरे परिवार के रहने की व्यवस्था और कार्यालय सुविधाएं मौजूद हैं। इसके अलावा, उपराष्ट्रपति को शानदार सरकारी कार और चालक, व्यक्तिगत सुरक्षा दस्ते और यात्रा भत्ते दिए जाते हैं। ये सुविधाएं उन्हें उनके आधिकारिक और निजी कार्यों को कुशलतापूर्वक निभाने में मदद करती हैं।
यद्यपि उपराष्ट्रपति को वेतन नहीं मिलता, लेकिन ये भत्ते और सुविधाएं उनकी दिनचर्या और जिम्मेदारियों को समर्थन देने के लिए पर्याप्त मानी जाती हैं। इनके तहत घरेलू कर्मचारियों की सुविधा, स्वास्थ्य और चिकित्सा सुरक्षा, और अन्य दैनिक आवश्यकताओं का प्रावधान शामिल है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि उपराष्ट्रपति का यह लाभ पैकेज उनके पद की गरिमा और स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यह सुनिश्चित करता है कि उपराष्ट्रपति अपने निर्णय और कार्यों में स्वतंत्र रहें और बिना आर्थिक बाधाओं के अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन कर सकें।
इस प्रकार, भारत के उपराष्ट्रपति का पद केवल सम्मान और शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि कई भत्तों और सुविधाओं के माध्यम से सुरक्षित और प्रभावी कार्य करने की जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।
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