केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि डीएमके लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त रही है और उसकी राजनीति अलगाववाद को बढ़ावा देती है। सीतारमण का बयान तमिलनाडु की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि डीएमके के नेता अपने राजनीतिक फायदे के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं। पार्टी की नीतियां राज्य को विकास की मुख्यधारा से अलग कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमके के शासनकाल में भ्रष्टाचार के मामले बढ़े हैं और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग हुआ है।
सीतारमण ने यह भी कहा कि डीएमके की राजनीति केंद्र और राज्य के रिश्तों में तनाव पैदा करती है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब तमिलनाडु के लोग विकास और रोजगार की उम्मीद कर रहे हैं, तब डीएमके केवल जातिगत और अलगाववादी मुद्दों पर राजनीति कर रही है।
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उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसे नेताओं को सबक सिखाएं, जो केवल अपने स्वार्थ और सत्ता के लिए काम करते हैं। सीतारमण ने भाजपा सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र तमिलनाडु में बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रहा है।
इस बयान से भाजपा और डीएमके के बीच राजनीतिक टकराव और बढ़ने की संभावना है। विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा क्षेत्रीय राजनीति को बदनाम करने का प्रयास कर रही है, जबकि भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सच्चाई बताने की मुहिम बता रही है।
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