भारतीय नौसेना का नया जहाज आईएनएस निस्तार पहली बार सिंगापुर बंदरगाह पहुंचा, जहां वह बहुराष्ट्रीय पनडुब्बी रेस्क्यू अभ्यास में भाग लेगा। यह अभ्यास एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कई देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग और समन्वय को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
आईएनएस निस्तार को 18 जुलाई 2025 को कमीशन किया गया था और यह भारत की जहाज निर्माण क्षमता में आत्मनिर्भरता का प्रतीक माना जा रहा है। इस पोत का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा स्वदेशी तकनीक से निर्मित है, जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
नौसेना अधिकारियों ने बताया कि इस जहाज की सबसे बड़ी विशेषता इसकी पनडुब्बी रेस्क्यू क्षमता है। इसके जरिए समुद्र में संकट में फंसी पनडुब्बियों और उनके क्रू को बचाने की अत्याधुनिक तकनीक मौजूद है। इस प्रकार के अभ्यास से न केवल भारत की नौसैनिक ताकत का प्रदर्शन होता है, बल्कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सहयोग और विश्वास बढ़ाने का भी माध्यम बनता है।
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सिंगापुर में होने वाले इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश भी हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान विभिन्न नौसेनाएं पनडुब्बी बचाव अभियानों की संयुक्त रणनीति, प्रशिक्षण और अभ्यास करेंगी।
भारतीय नौसेना का मानना है कि आईएनएस निस्तार की तैनाती और इस तरह के अभ्यासों में भागीदारी से भारत की समुद्री सुरक्षा और मानवीय मिशनों में अग्रणी भूमिका और भी मजबूत होगी।
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