कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी (केएसओयू) ने एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2025 में दूसरा स्थान हासिल किया है। यह रैंकिंग विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान, नवाचार और छात्रों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के आधार पर तय की जाती है।
मैसूर स्थित केएसओयू ने यह स्थान ओपन यूनिवर्सिटी श्रेणी में प्राप्त किया है। इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय प्रशासन, संकाय और छात्रों की संयुक्त मेहनत का परिणाम बताया जा रहा है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि यह सम्मान संस्थान के लिए गर्व का क्षण है और आगे और भी ऊँचाइयाँ छूने की प्रेरणा देता है।
एनआईआरएफ रैंकिंग भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की जाती है। इसमें उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन विभिन्न मानकों पर किया जाता है, जैसे – शैक्षणिक प्रदर्शन, अनुसंधान एवं नवाचार, स्नातक परिणाम, आउटरीच और समावेशिता, तथा धारणा (perception)।
और पढ़ें: आंध्र प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों ने दिखाई मजबूती, एनआईआरएफ 2025 रैंकिंग में सुधार
केएसओयू ने हाल के वर्षों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने, ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का विस्तार करने और नवाचार-आधारित शिक्षण पद्धतियों को अपनाने पर विशेष जोर दिया है। यही कारण है कि यह विश्वविद्यालय आज देश की शीर्ष ओपन यूनिवर्सिटीज़ में शामिल हो सका है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने आशा जताई कि आने वाले वर्षों में केएसओयू न केवल अपनी स्थिति और बेहतर करेगा, बल्कि अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ शिक्षा उपलब्ध कराने में भी अग्रणी रहेगा।
यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। अब केएसओयू का नाम देशभर में एक विश्वसनीय और अग्रणी शैक्षणिक संस्थान के रूप में और भी मज़बूती से स्थापित हो गया है।
और पढ़ें: जनजातीय युवा ने 2000 आदिवासी और दलित युवाओं को उच्च शिक्षा से सशक्त बनाया, अब समर्थन की तलाश