महाराष्ट्र कांग्रेस ने मसौदा मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग (SEC) से आपत्तियाँ और सुझाव दर्ज कराने की समयसीमा 15 दिन बढ़ाने की मांग की है। पार्टी ने मंगलवार (25 नवंबर 2025) को SEC को पत्र भेजकर कहा कि बड़ी संख्या में मतदाता उन वार्डों की मसौदा सूची में शामिल ही नहीं हैं, जहाँ वे वास्तव में रहते हैं। यह स्थिति राज्य के सभी नगरपालिका क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से देखने को मिल रही है।
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकतर, विजय वडेट्टीवार और सतेज पाटिल द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया कि मसौदा मतदाता सूची 20 नवंबर को प्रकाशित की गई थी और आयोग ने 27 नवंबर तक आपत्तियाँ दर्ज करने की अंतिम तिथि तय की है। कांग्रेस के मुताबिक, आपत्तियाँ दर्ज कराने की प्रक्रिया भी अत्यंत जटिल है, जिससे आम लोगों के लिए अपनी शिकायत दर्ज कराना कठिन हो जाता है।
कांग्रेस ने कहा कि राज्य की सभी नगर निगमों की मतदाता सूची को विस्तार से अध्ययन करने में समय लगेगा, खासकर उन नगर निगमों में जहाँ अगले वर्ष की शुरुआत में चुनाव होने की संभावना है। पार्टी ने कहा कि लोगों और राजनीतिक दलों द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर समुचित रूप से गौर करना आवश्यक है, इसलिए समयसीमा कम से कम 15 दिन बढ़ाई जाए।
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दिलचस्प बात यह है कि इस पत्र में कांग्रेस या महा विकास आघाड़ी (MVA) के किसी अन्य नेता के हस्ताक्षर नहीं हैं। MVA में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और शरद पवार की NCP (SP) शामिल हैं।
एक दिन पहले (24 नवंबर 2025), शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेताओं ने पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में SEC आयुक्त दीपक वाघमारे से मुलाकात की थी। उन्होंने भी इसी मुद्दे पर 21 दिन का विस्तार मांगा था।
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