पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना ‘स्वास्थ्य साथी’ को केंद्र की आयुष्मान भारत योजना से अधिक प्रभावी और समावेशी बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह योजना पूरे बंगाल के हर परिवार को कवर करती है, जबकि आयुष्मान भारत का दायरा सीमित है।
ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि आयुष्मान भारत योजना केवल केंद्र द्वारा चयनित कुछ परिवारों तक सीमित है और इसका लाभ सार्वभौमिक नहीं है। इसके विपरीत, स्वास्थ्य साथी कार्ड राज्य के हर परिवार को दिया गया है और इससे लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में जनता को राहत देने के लिए कई कदम उठाए हैं और ‘स्वास्थ्य साथी’ उसी दिशा में एक बड़ा कदम है। योजना के तहत प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाता है।
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मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि आयुष्मान भारत योजना के नाम पर जनता को गुमराह किया जा रहा है। उनका कहना था कि केंद्र की योजना सीमित वर्ग के लिए है, जबकि बंगाल की योजना सबके लिए खुली है और इसका प्रशासनिक ढांचा भी अधिक पारदर्शी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ‘स्वास्थ्य साथी’ जैसी राज्य स्तरीय योजनाएँ ग्रामीण और शहरी गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान बनाती हैं। इस कदम से राजनीतिक तौर पर भी ममता बनर्जी को लाभ मिलने की संभावना है, क्योंकि यह सीधा आम जनता के हितों से जुड़ा हुआ है।
फिलहाल, ‘स्वास्थ्य साथी बनाम आयुष्मान भारत’ की यह बहस बंगाल की राजनीति में एक अहम मुद्दा बन चुकी है।
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