कर्नाटक के मांड्या जिले में जिलाधिकारी (DC) ने जिले में पुस्तकालय सदस्यता बढ़ाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय न केवल शिक्षा और ज्ञान का केंद्र हैं, बल्कि समाज में पढ़ने की आदत विकसित करने का महत्वपूर्ण साधन भी हैं।
जिलाधिकारी ने जिला पुस्तकालय प्राधिकरण की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों और स्थानीय लोगों से कहा कि वे पुस्तकालयों के महत्व को समझें और अधिक से अधिक सदस्यता लें। उन्होंने बताया कि जिले में कई आधुनिक सुविधाओं वाले पुस्तकालय मौजूद हैं, लेकिन सदस्यता संख्या अपेक्षाकृत कम है।
उन्होंने शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे बच्चों को पुस्तकालयों से जोड़ें ताकि वे डिजिटल युग में भी किताबों के प्रति आकर्षित हों और ज्ञान का विस्तार कर सकें। जिलाधिकारी ने कहा कि पुस्तकालय केवल किताबें पढ़ने का स्थान नहीं हैं, बल्कि यह व्यक्तित्व विकास, शोध और नए विचारों के आदान-प्रदान का केंद्र भी हैं।
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बैठक में पुस्तकालयों में डिजिटल सेवाओं के विस्तार, ई-लाइब्रेरी और ऑनलाइन बुक एक्सेस जैसी सुविधाओं को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि जिले में नए सदस्यों को आकर्षित करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे और स्कूल-कॉलेज स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि पुस्तकालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार, नई पुस्तकों की उपलब्धता और आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ाने के लिए प्रशासन हरसंभव कदम उठाएगा।
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