बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर जारी वार्ता में तनाव दिखाई दे रहा है। इस बीच, जितन राम मांझी और चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर रहस्यमय और अर्थपूर्ण संदेश पोस्ट किए, जो एनडीए के भीतर असंतोष का संकेत माना जा रहा है।
दोनों नेताओं ने अपने संदेशों में काव्य और राजनीतिक विरासत का हवाला देते हुए यह संदेश दिया कि उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में सम्मानजनक सीटें दी जाएं। मांझी और पासवान की यह रणनीति मुख्य रूप से भाजपा नेतृत्व को यह याद दिलाने के लिए है कि उनके योगदान और जनाधार को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम एनडीए के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर बढ़ते तनाव का संकेत है। मांझी और पासवान दोनों ही बिहार के महत्वपूर्ण ओबीसी और पिछड़े वर्ग के वोट बैंक से जुड़े हैं। उनके असंतोष को नजरअंदाज करना एनडीए के लिए चुनावी रणनीति पर असर डाल सकता है।
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एनडीए के सहयोगी दलों ने कई बार भाजपा से अनुरोध किया है कि वे गठबंधन में हर छोटे और मध्यम दल को न्यायपूर्ण प्रतिनिधित्व दें। मांझी और पासवान के संदेश इसी आग्रह को और स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से यह सूक्ष्म संकेत भाजपा नेतृत्व के लिए एक चेतावनी के रूप में काम कर सकते हैं। यदि सीट बंटवारे में संतुलन नहीं बनाया गया, तो चुनावी समर में गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इससे साफ है कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए के भीतर साझेदारी और सम्मान के मुद्दे काफी अहम रहेंगे।
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