मराठा आरक्षण के लिए आंदोलनरत सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारंगे ने महाराष्ट्र सरकार को 26 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर इस तारीख तक मराठा समुदाय को कानूनी ढांचे के भीतर आरक्षण नहीं दिया गया, तो राज्यव्यापी आंदोलन तेज़ किया जाएगा।
जारंगे ने घोषणा की है कि 29 अगस्त से मुंबई के आजाद मैदान में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उनका मुख्य आग्रह है कि मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कोटे के तहत आरक्षण प्रदान किया जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त समय रहा है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं दिख रही। जारंगे ने चेतावनी दी कि इस बार का आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा, लेकिन बहुत व्यापक होगा। "अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो लाखों लोग सड़कों पर उतरेंगे," उन्होंने कहा।
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इससे पहले भी जारंगे ने कई बार मराठा आरक्षण के मुद्दे पर आमरण अनशन किया और सरकार से कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल सका।
राज्य सरकार ने दावा किया है कि वह अदालत के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मराठा समुदाय को आरक्षण देने का रास्ता तलाश रही है। लेकिन जारंगे का आरोप है कि सरकार केवल आश्वासन दे रही है और ठोस कानूनी कदम नहीं उठा रही।
विश्लेषकों का कहना है कि अगर आंदोलन बड़ा रूप लेता है तो यह राज्य की राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है।
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