सरकार सूक्ष्म अपराधों को अपराध मानने वाली धारा को समाप्त करने के लिए नया विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश करने वाली है। यह विधेयक देश में कारोबार और निवेश के माहौल को सुधारने के लिए सरकार के प्रयास का हिस्सा है।
विधेयक के माध्यम से 350 से अधिक प्रावधानों में संशोधन प्रस्तावित है। इनमें ऐसे कई छोटे अपराध शामिल हैं जिन्हें अब गंभीर अपराध के रूप में नहीं माना जाएगा। इसका उद्देश्य कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाना और न्याय प्रणाली पर बोझ कम करना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम व्यापारियों और उद्यमियों के लिए सकारात्मक संदेश है। कई मामलों में सूक्ष्म अपराधों के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया व्यवसाय और निवेश के माहौल को प्रभावित करती थी। विधेयक के लागू होने के बाद छोटे अपराधों के लिए कानूनी दायरों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है।
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सरकार का कहना है कि यह पहल “व्यवसाय के अनुकूल” वातावरण बनाने और निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, विधेयक का उद्देश्य न्यायिक प्रणाली को अधिक कुशल और प्रभावी बनाना भी है।
विधेयक के लागू होने के बाद केवल गंभीर अपराधों पर कानूनी कार्रवाई होगी, जबकि छोटे अपराधों के लिए दंडात्मक प्रावधान समाप्त कर दिए जाएंगे। इससे अदालतों पर बोझ कम होगा और न्याय प्रक्रिया तेज़ होगी।
विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह कदम देश में व्यवसाय और रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद करेगा, साथ ही नागरिकों के लिए कानून के प्रति विश्वास बनाए रखेगा।
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