संसद के मानसून सत्र 2025 के पहले दिन सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके दौरान हुई घटनाओं पर विस्तार से चर्चा की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर भी सवाल उठाए जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम कराने में भूमिका निभाई है।
विपक्ष का कहना है कि सरकार को इन संवेदनशील मुद्दों पर स्पष्ट स्थिति रखनी चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं संसद में बयान देना चाहिए। सरकार ने यह साफ किया है कि सभी विषयों पर चर्चा के लिए वह तैयार है लेकिन वह संसदीय नियमों और प्रक्रिया के अनुसार ही होगी।
इसी दौरान, नागरिक उड्डयन मंत्री ने अहमदाबाद फ्लाइट क्रैश पर बयान देते हुए कहा कि इस मामले की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही है और यह पूरी तरह से नियम-आधारित और निष्पक्ष प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि AAIB की जांच में कोई पक्षपात नहीं होता और अंतिम रिपोर्ट तथ्यों के आधार पर जारी की जाएगी।
विपक्ष ने इस पर भी नाराज़गी जताई कि संसद की कार्यवाही में महत्वपूर्ण विषयों को दरकिनार किया जा रहा है। संसद के मानसून सत्र में कुल 21 बैठकें निर्धारित हैं और यह सत्र कई महत्वपूर्ण विधेयकों और बहसों के लिए अहम माना जा रहा है।
सरकार और विपक्ष के बीच टकराव के इस माहौल में सत्र की शुरुआत विवादों के साथ हुई है।