कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में नियमों का उल्लंघन करके बिना कमेंसमेंट सर्टिफिकेट (CC) और ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट (OC) के बने भवनों को एक बार के लिए अनुमति देने की संभावना तलाशें।
यह बैठक सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के मद्देनज़र बुलाई गई थी, जिसमें कहा गया है कि राज्य में बिजली, पानी और स्वच्छता जैसी आवश्यक सेवाओं का लाभ लेने के लिए CC और OC अनिवार्य होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बिना इन प्रमाणपत्रों के इमारतों को सुविधाएँ उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि इस विषय पर विस्तृत चर्चा के लिए अगली बैठक 8 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। इसमें यह कानूनी संभावनाएँ देखी जाएंगी कि कैसे उन आवेदनों को छूट दी जा सके जो मार्च 2025 तक जमा किए गए हों। इन आवेदनों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू होने से पहले मानकर CC और OC की अनिवार्यता से मुक्त करने पर विचार होगा।
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सिद्धारमैया ने जोर देकर कहा कि सरकार को व्यावहारिक समाधान निकालना होगा, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग ऐसे भवनों में रहते हैं जिन्हें अभी तक जरूरी प्रमाणपत्र नहीं मिले हैं। यदि तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो हजारों परिवार बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हो सकते हैं।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों ने भी राय रखी कि इस मुद्दे पर कानूनी परामर्श लेकर एक ऐसी नीति तैयार करनी चाहिए जिससे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन भी हो और जनता को राहत भी मिल सके।
अगली बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि किन शर्तों पर बिना CC और OC वाले भवनों को अस्थायी या एकमुश्त अनुमति दी जा सकती है।
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