संसद के मानसून सत्र के पहले दिन (21 जुलाई, 2025) लोकसभा में भारी हंगामे के कारण कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा। विपक्षी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बीच मध्यस्थता के दावों पर केंद्र सरकार से जवाब की मांग की।
राज्यसभा में, हालांकि, ‘बिल्स ऑफ लैडिंग विधेयक, 2025’ पर चर्चा जारी रही। इस विधेयक का उद्देश्य समुद्री व्यापार से जुड़े दस्तावेजों को डिजिटल प्रारूप में लाकर प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाना है।
इस बीच, विपक्ष ने सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल उठाए, खासकर ट्रंप के इस बयान को लेकर जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को शांत करने में भूमिका निभाई। विपक्ष ने इसे भारत की संप्रभुता पर सवाल खड़ा करने वाला बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर स्पष्टीकरण मांगा।
सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया से कहा था कि यह मानसून सत्र भारतीय सैनिकों की ऑपरेशन सिंदूर में जीत का उत्सव होगा। लेकिन विपक्षी दलों ने सरकार पर गंभीर मुद्दों को टालने का आरोप लगाया।
सरकारी पक्ष ने यह स्पष्ट किया कि सभी चर्चाओं का निर्णय लोकसभा और राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटियों द्वारा नियमों के तहत लिया जाएगा। हंगामे के चलते पहले दिन लोकसभा में कामकाज प्रभावित रहा।