संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन सोमवार को भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। यह हंगामा दिल्ली में रविवार को आयोजित कांग्रेस की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित नारों और धमकी भरे बयानों को लेकर हुआ।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से संसद के दोनों सदनों में माफी की मांग की। एक जल्दबाजी में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिजिजू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस रैली के दौरान पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री की “कब्र खोदने” की धमकी दी, जो भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में “सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद” घटनाओं में से एक है।
रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, दुश्मन नहीं। उन्होंने कहा कि भले ही दोनों दलों की विचारधाराएं अलग हों, लेकिन सभी को प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के सपने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की भाषा और धमकियां लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं।
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इस बीच, लोकसभा में आज महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को निरस्त कर एक नया विधेयक पेश किए जाने की भी संभावना है। प्रस्तावित विधेयक का नाम ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ है। इसके तहत ग्रामीण परिवारों को मिलने वाले मजदूरी रोजगार की गारंटी को मौजूदा 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रस्ताव है। हालांकि, इससे राज्यों के वित्तीय बोझ में वृद्धि होने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि योजना के खर्च को साझा करने का प्रावधान रखा गया है।
राज्यसभा में भी प्रधानमंत्री के खिलाफ कथित नारों को लेकर सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने जोरदार विरोध दर्ज कराया। प्रश्नकाल के दौरान हुए शोर-शराबे के चलते सभापति को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
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