प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त, 2025 को ‘विभाजन त्रासदी स्मरण दिवस’ का आयोजन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिन उन पीड़ितों और जीवित बचे लोगों के साहस और अकल्पनीय हानि का सामना करने की क्षमता को सम्मानित करने के लिए है, जो भारत के विभाजन के बाद हुए हिंसक घटनाक्रमों से गुज़रे।
प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से यह बताया कि विभाजन के समय देश ने अत्यंत कठिनाइयों और दर्दनाक अनुभवों का सामना किया। लाखों लोग विस्थापित हुए और अनगिनत परिवार बिखर गए। इस स्मरण दिवस का उद्देश्य केवल इतिहास याद करना नहीं, बल्कि पीड़ितों के संघर्ष और जीवित बचे लोगों के साहस को सम्मानित करना है।
‘विभाजन त्रासदी स्मरण दिवस’ को पहली बार 2021 में प्रधानमंत्री मोदी के घोषणा के बाद मनाया गया। इस दिन का आयोजन हर वर्ष देशभर में किया जाता है ताकि विभाजन की त्रासदियों और उसके प्रभावों को नई पीढ़ी तक पहुँचाया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिन से हम यह भी सीखते हैं कि कठिन परिस्थितियों में भी मानवता और सहनशीलता का महत्व बना रहना चाहिए।
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प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे इस अवसर पर विभाजन की विभीषिकाओं को याद करें, पीड़ितों के साहस को सम्मान दें और भविष्य में समान त्रासदियों से बचने के लिए समाज में सहयोग और सहनशीलता को बढ़ावा दें।
कुल मिलाकर, ‘विभाजन त्रासदी स्मरण दिवस’ न केवल भारत के इतिहास के एक दर्दनाक अध्याय को याद रखने का अवसर है, बल्कि यह पीड़ितों के साहस, जीवित बचे लोगों की शक्ति और मानवता के मूल्यों को सम्मानित करने का दिन भी है।
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