प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को कोलकाता में सशस्त्र बलों के संयुक्त कमांडरों की सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के वरिष्ठ कमांडरों के लिए विशेष रूप से आयोजित किया गया है। सम्मेलन का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना, भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करना और आधुनिक सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप सुधारों पर विचार करना है।
सरकारी बयान के अनुसार, इस सम्मेलन का मुख्य फोकस सुधार, परिवर्तन और संचालनात्मक तैयारियों पर होगा। यह पहली बार है कि इतने बड़े पैमाने पर सभी शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारी एक ही मंच पर एकत्रित हो रहे हैं। सम्मेलन में रक्षा रणनीतियों, तकनीकी उन्नयन और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
सशस्त्र बलों के विशेषज्ञों का कहना है कि यह सम्मेलन न केवल तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य को बढ़ावा देगा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नीतिगत निर्णयों में भी मदद करेगा। इसमें सैन्य प्रशिक्षण, आधुनिक हथियार प्रणालियों के उपयोग और युद्धाभ्यास की तैयारियों को लेकर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन भाषण में सशस्त्र बलों की भूमिका, उनकी प्रतिबद्धता और देश की सुरक्षा में उनके योगदान की सराहना की जाएगी। इसके अलावा, सम्मेलन में भविष्य की चुनौतियों और रणनीतिक सुधारों पर भी जोर दिया जाएगा।
इस सम्मेलन को भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, क्योंकि इससे सैनिकों के कार्यकुशलता, आपसी तालमेल और राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे में मजबूती आएगी।
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