प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक चार दिवसीय विदेश यात्रा पर रवाना हुए, जिसमें वे यूनाइटेड किंगडम और मालदीव का दौरा करेंगे। रवाना होने से पहले अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और यूके के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जिसने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए किया जा रहा है। लंदन में उनकी मुलाकात ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और प्रमुख उद्योगपतियों से होने की संभावना है। साथ ही, वे प्रवासी भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे।
ब्रिटेन में होने वाली मुलाकातों में प्रौद्योगिकी, व्यापार, रक्षा सहयोग, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। मोदी सरकार ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी आगे बढ़ाने के प्रयास में जुटी है।
ब्रिटेन के बाद प्रधानमंत्री मालदीव का दौरा करेंगे, जहां वे मालदीव के राष्ट्रपति और अन्य उच्चाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। भारत और मालदीव के बीच समुद्री सुरक्षा, पर्यटन, स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका को और अधिक प्रभावशाली बनाएगी। यह दौरा दोनों देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा देगा।