प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन ने ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement - FTA) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के उद्देश्य से किया गया है।
इस समझौते के तहत व्यापार, निवेश, सेवाओं और डिजिटल सहयोग जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच बाधाएं कम होंगी, जिससे व्यापार की लागत घटेगी और बाजारों तक पहुंच आसान होगी। ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि इस समझौते से द्विपक्षीय व्यापार में हर साल लगभग 34 अरब डॉलर की वृद्धि होने की संभावना है।
भारत और ब्रिटेन पिछले दो वर्षों से इस FTA पर बातचीत कर रहे थे, जिसमें कृषि, ऑटोमोबाइल, फार्मा और शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया है। समझौते से दोनों देशों के लघु और मध्यम उद्यमों को भी लाभ मिलेगा।
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प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री के बीच बैठक के दौरान एक संयुक्त 'विजन स्टेटमेंट' भी जारी किया गया, जिसमें समुद्री सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी नवाचार पर सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया गया।
यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बनी हुई है और दोनों देश व्यापारिक संबंधों को और अधिक गहराई देने की दिशा में अग्रसर हैं। यह समझौता न केवल आर्थिक बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
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