रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के 5–6 दिसंबर को भारत आने की संभावना जताई जा रही है। यह दौरा भारत-रूस की 23वीं वार्षिक द्विपक्षीय शिखर वार्ता के लिए प्रस्तावित है। हालांकि न तो नई दिल्ली और न ही मास्को ने आधिकारिक पुष्टि की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार दोनों देश व्यापक एजेंडे को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। यह पुतिन की 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत की पहली यात्रा होगी।
जानकारी के मुताबिक, इस दौरे का मुख्य फोकस भारत-रूस संबंधों की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा तय करना होगा। द्विपक्षीय व्यापार 2024–25 में रिकॉर्ड 68.7 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है, जिसमें भारत द्वारा सस्ते रूसी तेल का आयात प्रमुख कारण रहा। हालांकि, भारत का रूस को निर्यात केवल 4.88 अरब अमेरिकी डॉलर का है, जिससे व्यापार असंतुलन बड़ा मुद्दा बन गया है। चर्चा का एक अहम बिंदु इस असंतुलन को कम करना होगा। इसके अलावा, पुतिन भारत में रूस के सरकारी समाचार चैनल आरटी (RT) का भारतीय संस्करण भी लॉन्च कर सकते हैं।
इस उच्चस्तरीय बैठक से पहले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव नवंबर में भारत आ सकते हैं और रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोउसॉव इस माह अंत तक सैन्य तकनीकी सहयोग पर अंतर-सरकारी आयोग में भाग लेने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई थी। आगामी दौरे से दोनों देशों के रिश्तों में नई गति आने की संभावना जताई जा रही है।
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