राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी कस्बे में प्रस्तावित एथनॉल संयंत्र को लेकर लंबे समय से सुलग रहा किसानों का आक्रोश अब खुलकर सामने आ गया है। इस विरोध ने इस सप्ताह हिंसक रूप ले लिया, जब स्थानीय किसानों के साथ-साथ पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए किसानों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। किसानों का आरोप है कि यह एथनॉल प्लांट क्षेत्र के भूजल को प्रदूषित करेगा और राजस्थान के सबसे उपजाऊ इलाकों में से एक में खेती को गंभीर नुकसान पहुंचाएगा।
बीते सप्ताह प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जोरदार झड़प हुई। यह टकराव उस समय हुआ, जब किसानों द्वारा बुलाई गई महापंचायत के बाद प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टरों की मदद से निर्माणाधीन एथनॉल प्लांट की चारदीवारी को गिरा दिया। इसके बाद हालात बेकाबू हो गए और पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
इस हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने सैकड़ों लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और अब तक करीब 40 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना की गूंज संसद तक पहुंच गई, जहां लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाया गया। विपक्षी सांसदों ने किसानों की चिंताओं का हवाला देते हुए परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी और प्रभाव आकलन पर सवाल खड़े किए।
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प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि एथनॉल प्लांट के लिए भारी मात्रा में पानी की आवश्यकता होगी, जिससे पहले से ही जल संकट से जूझ रहे क्षेत्र में स्थिति और बिगड़ सकती है। उनका दावा है कि इससे भूजल स्तर गिरेगा और फसलों की पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
वहीं प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखना उसकी प्राथमिकता है और मामले की जांच की जा रही है। सरकार और संबंधित एजेंसियां किसानों से संवाद की बात कर रही हैं, लेकिन फिलहाल टिब्बी में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है और किसान आंदोलन जारी है।
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