रूस ने गुरुवार (30 अक्टूबर 2025) को यूक्रेन के बिजली तंत्र पर फिर से बड़े पैमाने पर हमला किया, जिससे पूरे देश में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई और दो लोगों की मौत हो गई। इस हमले में कम से कम 17 लोग घायल हुए, जिनमें 2 से 16 वर्ष तक के बच्चे भी शामिल हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बताया कि रूस ने इस हमले में 650 से अधिक ड्रोन और 50 से अधिक प्रकार के मिसाइलें दागीं। यह हमला रूस के उस लगातार अभियान का हिस्सा है जिसमें वह यूक्रेन की ऊर्जा संरचना को नष्ट कर सर्दियों से पहले देश को संकट में डालने की कोशिश कर रहा है।
यूक्रेन की प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीडेंको ने इसे “सिस्टमैटिक एनर्जी टेरर” करार देते हुए कहा कि रूस का उद्देश्य यूक्रेन को अंधेरे और ठंड में धकेलना है। उन्होंने कहा, “रूस यूक्रेनियों की ज़िंदगी, गरिमा और गर्मी पर प्रहार कर रहा है। उसका लक्ष्य अंधकार फैलाना है, जबकि हमारा उद्देश्य रोशनी बनाए रखना है।”
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उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस पर कठोर प्रतिबंध लगाने, यूक्रेन को अधिक वायु रक्षा प्रणाली उपलब्ध कराने और अधिकतम कूटनीतिक दबाव डालने की अपील की।
दक्षिणी ज़ापोरिझ्ज़िया क्षेत्र में एक इमारत पर हमले से 17 लोग घायल हुए, जबकि मलबे से एक व्यक्ति को बचाया गया, लेकिन बाद में उसकी मृत्यु हो गई। पश्चिमी लविव क्षेत्र में पोलैंड की सीमा के पास दो ऊर्जा केंद्रों को भी नुकसान पहुँचा।
रूस के हमले के चलते पोलैंड और नाटो ने अपने सैन्य विमानों को अलर्ट पर रखकर उड़ानें शुरू कीं, जबकि सुरक्षा कारणों से राडोम और लब्लिन हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।
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