शांतिनिकेतन में आयोजित होने वाला ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित पौष मेला इस वर्ष एक अहम बदलाव के साथ आयोजित किया जा रहा है। वर्ष 1894 से चली आ रही इस शीतकालीन मेले की परंपरा में पहली बार स्टॉलों की बुकिंग पूरी तरह ऑनलाइन की जा रही है। यह फैसला पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लिया गया है। पौष मेला विश्व-भारती विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय माना जाता है और हर वर्ष देश-विदेश से हजारों पर्यटक, कलाकार और शिल्पकार इसमें हिस्सा लेते हैं।
इस वर्ष पौष मेला 23 दिसंबर से 28 दिसंबर 2025 तक आयोजित होगा। स्टॉलों की ऑनलाइन बुकिंग की प्रक्रिया सोमवार, 15 दिसंबर 2025 से शुरू हो गई है। पहले दो दिनों में केवल उन्हीं व्यक्तियों और संस्थानों को बुकिंग की अनुमति दी गई है, जिन्होंने वर्ष 2024 के पौष मेले में भाग लिया था। इन प्रतिभागियों से उम्मीद है कि वे कुल लगभग 1,300 स्टॉलों में से 75 से 80 प्रतिशत स्टॉल भर देंगे। इसके बाद 17 दिसंबर से स्टॉल बुकिंग सभी के लिए खोल दी जाएगी।
पौष मेला अपने समृद्ध इतिहास के लिए भी जाना जाता है। लंबे समय में यह मेला केवल तीन बार रद्द हुआ है — वर्ष 1943 के बंगाल अकाल के दौरान, 1946 में डायरेक्ट एक्शन डे के बाद उत्पन्न हालात में और हाल ही में कोविड-19 महामारी के समय। इसके अलावा, यह मेला लगातार आयोजित होता रहा है और बंगाल की लोक कला, हस्तशिल्प, संगीत और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बना हुआ है।
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ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली लागू होने से न केवल स्टॉल आवंटन की प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि समय की बचत और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। प्रशासन का मानना है कि इस कदम से मेले की गरिमा और विश्वसनीयता और मजबूत होगी, साथ ही शिल्पकारों और विक्रेताओं को भी एक निष्पक्ष मंच मिलेगा।
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