कर्नाटक की राजनीति और लग्ज़री घड़ियों का पुराना संबंध एक बार फिर चर्चा में है। कई साल पहले हुए हबलॉट घड़ी विवाद के बाद अब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की नई कार्टियर घड़ी राजनीतिक हलकों में गर्म चर्चा का कारण बनी हुई है। हाल ही में एक नाश्ते की बैठक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार दोनों को कार्टियर घड़ियाँ पहने देखा गया, लेकिन चर्चा का केंद्र सिद्धारमैया की कलाई पर चमक रही महंगी घड़ी रही।
सिद्धारमैया ने Santos de Cartier Large मॉडल पहना था, जो सैंटोस कलेक्शन के सबसे प्रीमियम स्तर का मॉडल है। यह पूरी तरह 18K रोज़ (पिंक) गोल्ड से बना है, जिसमें केस और इंटीग्रेटेड ब्रेसलेट पर एक्सपोज़्ड स्क्रूज़ दिए गए हैं। यह डिज़ाइन 1904 के मूल सैंटोस मॉडल की औद्योगिक शैली की झलक देता है।
इस घड़ी की कीमत लगभग ₹43,20,000 है। इसमें Cartier का कैलिबर 1847 MC ऑटोमैटिक मूवमेंट लगा है, जो घंटे, मिनट, सेकंड और 6 बजे तारीख की विंडो को संचालित करता है। सिल्वर-व्हाइट डायल, काले रोमन अंक और नीली तलवार जैसी सुइयाँ इसे क्लासिक बनाती हैं। क्राउन में जड़ा नीला कैबोशन इसे और खास बनाता है।
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घड़ी आकार में प्रभावशाली होने के बावजूद भारी नहीं है। 39.8 मिमी चौड़ाई और लगभग 9 मिमी मोटाई के साथ यह पहनने में आरामदायक है। यह घड़ी लगभग 100 मीटर तक वॉटर-रेसिस्टेंट भी है, जिससे इसे रोज़मर्रा उपयोग में लाना आसान है।
कार्टियर सैंटोस लाइन ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे 1904 में एविएटर अल्बर्टो सैंटोस-डुमोंट के लिए डिज़ाइन किया गया था। भारत में फुल-गोल्ड सैंटोस मॉडल बेहद उच्च लक्ज़री श्रेणी में आते हैं।
यह पहला विवाद नहीं है। 2016 में सिद्धारमैया की हबलॉट घड़ी भी 50–70 लाख की कीमत को लेकर राजनीतिक तूफान का कारण बनी थी। बाद में उन्होंने बताया कि वह घड़ी एक पुराने NRI मित्र का उपहार थी।
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