प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक को लेह में गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी गिरफ्तारी उस समय हुई जब लद्दाख में स्थानीय लोगों और संगठनों ने राज्य के अधिकार, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार संबंधी मुद्दों को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिए।
सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख की पारिस्थितिकी और हिमालयी क्षेत्र की नाजुक परिस्थितियों को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की थी कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, ताकि यहां के लोगों की संस्कृति, भूमि और संसाधनों की रक्षा की जा सके।
रिपोर्टों के अनुसार, वांगचुक ने शांतिपूर्ण धरना और प्रदर्शन का आह्वान किया था। लेकिन स्थिति बिगड़ने और हिंसा की आशंका को देखते हुए पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उनकी गिरफ्तारी के बाद कई कार्यकर्ताओं और संगठनों ने नाराज़गी जताई और कहा कि यह कदम लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन है।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि लद्दाख का भू-राजनीतिक महत्व और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां इस क्षेत्र को संवेदनशील बनाती हैं। ऐसे में वांगचुक जैसे कार्यकर्ताओं की आवाज़ को दबाना समस्या का समाधान नहीं है। इसके बजाय सरकार को संवाद और चर्चा के माध्यम से समाधान तलाशना चाहिए।
गौरतलब है कि सोनम वांगचुक को उनकी शिक्षा संबंधी पहल और सतत विकास मॉडल के लिए भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। उनकी गिरफ्तारी ने लद्दाख में विरोध प्रदर्शनों को और तेज कर दिया है और यह मुद्दा राष्ट्रीय बहस का विषय बन गया है।
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