दक्षिण कोरिया के नेता ली टोक्यो पहुंचे हैं, जहां वे जापान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। यह यात्रा उस समय हो रही है जब ली अपनी पहली और अहम शिखर वार्ता के लिए जल्द ही वाशिंगटन जाने वाले हैं, जहां उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगी।
विशेष बात यह है कि ली का यह दौरा एक असामान्य क्रम में हो रहा है—उन्होंने अमेरिका से पहले जापान का दौरा करने का फैसला किया। विश्लेषकों के अनुसार, इसका उद्देश्य जापान के साथ रिश्तों को और प्रगाढ़ करना है, जिससे ली को अमेरिका में होने वाली वार्ता के लिए बेहतर तैयारी करने का अवसर मिल सके।
वाशिंगटन में होने वाली आगामी शिखर बैठक मुख्य रूप से व्यापार और रक्षा मुद्दों पर केंद्रित होगी। ली यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दक्षिण कोरिया की रणनीतिक प्राथमिकताएं और आर्थिक हित अमेरिकी प्रशासन के सामने स्पष्ट रूप से प्रस्तुत हों। टोक्यो में वे जापानी नेताओं के साथ भी इन विषयों पर चर्चा करेंगे, ताकि दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत किया जा सके।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम पूर्वोत्तर एशिया में बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए महत्वपूर्ण है। जापान और दक्षिण कोरिया के बीच बेहतर संबंध न केवल आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देंगे, बल्कि उत्तर कोरिया से जुड़ी सुरक्षा चुनौतियों के समाधान में भी मदद करेंगे।
ली की यह पहल बताती है कि दक्षिण कोरिया अमेरिका के साथ वार्ता से पहले अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत कूटनीतिक आधार तैयार करना चाहता है।
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