केरल में विजिलेंस एंड एंटी-करप्शन ब्यूरो (VACB) ने एक बड़े भूमि घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें रियल एस्टेट डेवलपर्स, एजेंट और राजस्व अधिकारी मिलकर धान के खेतों और आर्द्रभूमि को अवैध रूप से निर्माण योग्य भूमि में बदल रहे थे। इस जमीन पर महंगी विला और गेटेड कम्युनिटी जैसी परियोजनाएं विकसित की जा रही थीं, जिनकी राज्य के बढ़ते आवास बाजार में भारी मांग है।
VACB ने इस कार्रवाई के तहत 27 आरडीओ (रेवेन्यू डिवीजनल ऑफिस) और 32 डिप्टी कलेक्टरों के कार्यालयों पर आकस्मिक छापेमारी की। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि वे केरल संरक्षण अधिनियम 2008 (धान भूमि और आर्द्रभूमि संरक्षण अधिनियम) के तहत भूमि के अवैध रूपांतरण को रोकें।
जांच में पता चला है कि कई अधिकारियों ने रियल एस्टेट एजेंटों के साथ सांठगांठ कर कानून का उल्लंघन किया और निजी लाभ के लिए कृषि भूमि को रियल एस्टेट परियोजनाओं में बदलने की अनुमति दी। VACB अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की गतिविधियाँ न केवल पर्यावरण के लिए खतरा हैं, बल्कि राज्य की कृषि व्यवस्था को भी गहरा नुकसान पहुंचा रही हैं।
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यह भी सामने आया है कि कुछ परियोजनाओं में भूमि रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई थी ताकि अवैध रूपांतरण को वैध ठहराया जा सके। VACB ने कहा कि सभी संदिग्ध अधिकारियों और एजेंटों की संपत्तियों की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह कार्रवाई केरल में भूमि घोटालों और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी पहल मानी जा रही है।
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