चीन और जापान में हालिया हमलों ने दोनों देशों में विदेशियों के प्रति नफरत (ज़ेनोफोबिया) को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं। चीन के सुझोउ शहर में एक जापानी महिला पर पत्थर जैसे वस्तु से हमला किया गया, जिससे वह घायल हो गई। इस घटना के बाद जापानी दूतावास ने चीन में अपने नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता जताई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला सार्वजनिक स्थान पर हुआ और हमलावर को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि पुलिस ने हमले के पीछे की मंशा का खुलासा नहीं किया है, लेकिन इसे हालिया एंटी-जापानी भावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है।
इसी तरह, जापान में भी हाल के महीनों में कुछ चीनी नागरिकों पर हमलों की घटनाएं हुई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक विवादों और हालिया राजनीतिक तनावों के कारण आम जनता के बीच नकारात्मक भावनाएं बढ़ रही हैं।
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अंतरराष्ट्रीय संबंध विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे हमले न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को प्रभावित करते हैं, बल्कि पर्यटन, व्यापार और शैक्षिक आदान-प्रदान पर भी असर डालते हैं। दोनों सरकारों ने घटनाओं पर खेद जताते हुए नागरिकों से शांति और संयम बरतने की अपील की है।
चीन और जापान के बीच पहले से मौजूद राजनीतिक और आर्थिक मतभेदों के बीच इन हमलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विदेशी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
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