अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के खिलाफ अपनी टिप्पणी में उसे 'पेपर टाइगर' कहा, जो शीत युद्ध के दौरान माओ जेडॉन्ग द्वारा अमेरिका के खिलाफ इस्तेमाल किए गए प्रचार की याद दिलाता है। ट्रंप के इस बयान का मकसद रूस की ताकत पर सवाल उठाना और अमेरिकी दृष्टिकोण से उसे कमजोर दिखाना माना जा रहा है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि रूस पूरे NATO ब्लॉक के खिलाफ लड़ रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस लगातार आगे बढ़ रहा है और आत्मविश्वास महसूस कर रहा है। पुतिन ने सवाल किया कि अगर रूस 'पेपर टाइगर' है, तो NATO खुद क्या है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप का यह बयान रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में अमेरिकी दृष्टिकोण को भी प्रभावित करता है। पेपर टाइगर का अर्थ प्रतीकात्मक रूप से ताकतवर दिखने वाला, लेकिन असल में कमजोर, बताया जाता है। माओ के समय अमेरिका को इस शब्द से निशाना बनाया गया था।
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राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि ट्रंप के बयान ने रूस और पश्चिमी गठबंधन के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। पुतिन की प्रतिक्रिया ने स्पष्ट कर दिया कि रूस अपने सैन्य और राजनीतिक रणनीतियों में दृढ़ है और किसी भी अंतरराष्ट्रीय आलोचना से डरा नहीं है।
इस वार्ता ने वैश्विक सुरक्षा और कूटनीति पर नई बहस छेड़ दी है। NATO और रूस के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिका की टिप्पणी ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
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