भारत को लंदन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) की महासभा में 2025-26 कार्यकाल के लिए परिषद में फिर से चुना गया है। इस बार भारत ने अपने वर्ग में सर्वाधिक वोट हासिल करके महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की। IMO विश्व के समुद्री क्षेत्र का प्रमुख नियामक संगठन है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार, समुद्री परिवहन और वैश्विक समुद्री गतिविधियों की रीढ़ माना जाता है।
भारत को श्रेणी-बी (Category B) के तहत चुना गया है। इस श्रेणी में वे 10 देश शामिल होते हैं, जिनका अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे बड़ा हित माना जाता है। इस श्रेणी में भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड्स, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी शामिल हैं।
भारत की यह पुनर्निर्वाचित सफलता उसके बढ़ते समुद्री प्रभाव, मजबूत व्यापारिक क्षमता और वैश्विक नौवहन सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाती है। सरकार ने इसे समुद्री क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका और ‘ब्लू इकोनॉमी’ की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के लिए एक बड़ी मान्यता बताया है।
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IMO में भारत की सक्रिय भूमिका को वर्षों से सराहा गया है — चाहे वह समुद्री सुरक्षा हो, प्रदूषण नियंत्रण हो या वैश्विक व्यापार मार्गों की सहजता। भारत लगातार सुरक्षित, स्वच्छ और कुशल वैश्विक समुद्री प्रणाली के लिए कार्य करता रहा है।
यह जीत भारत की समुद्री नीतियों, बंदरगाह विकास, जहाजरानी सुधार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रभावी रणनीति का प्रमाण है। आने वाले दो वर्षों में भारत IMO परिषद में वैश्विक समुद्री चुनौतियों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद रखता है।
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