राहुल गांधी के आगामी जर्मनी दौरे को लेकर शुरू हुई राजनीतिक बहस ने एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष को आमने-सामने ला दिया है। राहुल गांधी 15 दिसंबर से 20 दिसंबर के बीच जर्मनी की यात्रा पर रहेंगे, जहां वे भारतीय प्रवासी समुदाय से मुलाकात करेंगे और जर्मन सरकार के मंत्रियों से भी मिलेंगे।
लोकसभा में चुनाव आयोग प्रमुख की नियुक्ति और “वोट चोरी” के आरोप उठाने के अगले ही दिन, बीजेपी ने राहुल गांधी पर संसद सत्र के दौरान विदेश जाने को लेकर हमला बोला और उन्हें “गैर-जिम्मेदार” करार दिया। पार्टी ने प्रश्न उठाया कि महत्वपूर्ण सत्र के बीच विपक्ष का नेता देश छोड़कर क्यों जा रहा है।
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने राहुल गांधी पर तीखा तंज कसते हुए उन्हें “एनआरआई पॉलिटिशियन” बताया। उन्होंने कहा कि राहुल का दिल विदेशों में बसता है, लेकिन मजबूरी में उन्हें भारत की राजनीति करनी पड़ रही है।
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कांग्रेस ने तुरंत पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों पर सवाल उठा दिए। पार्टी ने कहा कि बीजेपी राहुल गांधी पर आरोप लगाने से पहले प्रधानमंत्री के विदेशी दौरों पर नजर डाले, जो पिछले दस वर्षों में हजारों घंटे के हैं। कांग्रेस ने कहा कि मोदी अपने कार्यकाल का बड़ा हिस्सा विदेश यात्राओं में बिताते हैं और विपक्ष के नेता पर सवाल उठाना दोहरे मानदंड का उदाहरण है।
कांग्रेस नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि राहुल गांधी की यात्रा पहले से निर्धारित थी और यह भारत के हितों व अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में है। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के विवाद खड़े करती है।
राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर उठी राजनीतिक गर्मी से साफ है कि संसद सत्र के दौरान दोनों दलों के बीच टकराव और तीखा हो सकता है।
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