वाई.एस. शर्मिला के बेटे राजा रेड्डी ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और साफ संकेत दिया कि वह आने वाले समय में आंध्र प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी वह सही समय का इंतजार कर रहे हैं और जब परिस्थितियां अनुकूल होंगी, तब वे राजनीति में कदम रखेंगे।
राजा रेड्डी की इस उपस्थिति ने आंध्र प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वरिष्ठ पार्टी नेता उनके प्रवेश का स्वागत करेंगे, तो सूत्रों ने बताया कि राजा रेड्डी की राजनीतिक पारी की शुरुआत का प्रस्ताव पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा रखा गया था। इसके बाद ही उनके राजनीति में प्रवेश को लेकर निर्णय लिया गया।
राजा रेड्डी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उनकी प्रेरणा परिवार की राजनीतिक विरासत और जनता की सेवा की भावना से आती है। उन्होंने स्वीकार किया कि राजनीति आसान रास्ता नहीं है, लेकिन यदि सही दृष्टिकोण और निष्ठा के साथ इसे अपनाया जाए तो जनता का विश्वास हासिल किया जा सकता है।
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सूत्रों का मानना है कि राजा रेड्डी का राजनीति में आगमन पार्टी के लिए नई ऊर्जा लेकर आ सकता है, खासकर युवाओं के बीच। यह कदम वाई.एस. परिवार की राजनीतिक विरासत को भी आगे बढ़ाने का प्रयास माना जा रहा है।
हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि आंध्र प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति चुनौतीपूर्ण है और ऐसे में राजा रेड्डी का प्रवेश उनकी क्षमता और नेतृत्व कौशल की परीक्षा साबित होगा।
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