छत्तीसगढ़ के नव रायपुर में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा स्थापित ‘शांति शिखर – अकादमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ ध्यान केंद्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने वैश्विक शांति, सद्भाव और सतत विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि राज्यों की प्रगति ही राष्ट्र की प्रगति की आधारशिला है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड के गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने पर नागरिकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के मिशन में केंद्र और राज्य मिलकर कार्य कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रह्माकुमारी संगठन की आध्यात्मिक और सामाजिक योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्था से उनका वर्षों पुराना संबंध रहा है। उन्होंने दादी जानकी और राजयोगिनी दादी हृदय मोहिनी के स्नेह और मार्गदर्शन को अपनी प्रेरणा बताया।
और पढ़ें: आर्य समाज के 150 वर्षों की विरासत पर बोले पीएम मोदी, कहा – यह भारत की वैदिक पहचान का उत्सव है
मोदी ने कहा कि ‘शांति शिखर’ संस्थान की दूरदृष्टि को मूर्त रूप देगा और आने वाले वर्षों में यह वैश्विक शांति का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि आचरण ही सर्वोच्च धर्म, तप और ज्ञान है — जब शब्द कर्म में बदलते हैं, तभी सच्चा परिवर्तन होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “ओम शांति” भारत की आध्यात्मिक भावना का सार है, जहां ‘ओम’ सृष्टि का प्रतीक और ‘शांति’ शांति का संदेश देता है। भारत की संस्कृति सदैव विश्वकल्याण और सार्वभौमिक सद्भाव की भावना को आत्मसात करती है।
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में भारत की वैश्विक भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ जैसे अभियान भारत की धरती से ही प्रेरित हैं। अंत में उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थाएं राष्ट्र निर्माण में समाज को सशक्त बना रही हैं और शांति शिखर इस दिशा में नई ऊर्जा प्रदान करेगा।
और पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में देशवासियों को दी छठ पूजा की शुभकामनाएं