सोलो, इंडोनेशिया में आयोजित बैडमिंटन एशिया जूनियर चैंपियनशिप में भारतीय जूनियर महिला खिलाड़ियों ने 13 वर्षों बाद पोडियम पर वापसी करते हुए देश का नाम रोशन किया। यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारतीय बैडमिंटन के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
भारतीय दल की अंतिम दो प्रतिनिधि—तन्वी शर्मा और वेन्नला किदांबी—ने सेमीफाइनल में जगह बनाई, लेकिन उन्हें अपने-अपने मुकाबलों में चीन की मजबूत प्रतिद्वंद्वियों से सीधे गेम्स में हार का सामना करना पड़ा। तन्वी को चीन की लियू शीन द्वारा 21-15, 21-13 से हराया गया, जबकि वेन्नला को फेंग वेंग से 21-11, 21-14 से हार मिली।
हालांकि वे स्वर्ण पदक तक नहीं पहुंच सकीं, परंतु कांस्य पदक के साथ भारत को गर्व करने का एक और मौका मिला। यह प्रदर्शन विशेष रूप से इसलिए अहम है क्योंकि पिछली बार भारतीय महिला टीम ने 2011 में पोडियम पर जगह बनाई थी।
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कोचों और खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रदर्शन आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय महिला खिलाड़ियों के लिए एक मजबूत नींव रखेगा। तन्वी और वेन्नला जैसी युवा प्रतिभाएं अब सीनियर स्तर की तैयारियों में जुट जाएंगी और उनसे भविष्य में और बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद की जा रही है।
इस सफलता से देश में महिला बैडमिंटन के प्रति रुचि और प्रोत्साहन को बल मिलेगा।
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