एशियाई खेल 2026 में भारतीय फुटबॉल टीम की भागीदारी अब मुश्किल लग रही है, क्योंकि सरकार ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। खेल मंत्रालय की नई नीति के अनुसार, एशिया में शीर्ष-8 रैंकिंग से बाहर रहने वाली टीमों को अगले साल होने वाले बहु-क्रीड़ा आयोजन में भेजा नहीं जाएगा।
पुरुष टीम वर्तमान में एशिया में 24वीं रैंक पर है, जबकि महिला टीम 12वीं रैंक पर है। दोनों ही टीम नई मानदंडों को पूरा नहीं करतीं, जिसके कारण उनके एशियाई खेलों में खेलने की संभावना बहुत कम हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम खेलों में प्रदर्शन सुधार और निवेश का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
खेल मंत्रालय ने कहा कि टीमों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलता और अनुभव हासिल करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान किए जाएंगे, लेकिन बहु-क्रीड़ा आयोजन में भेजने के लिए उनका एशियाई स्तर पर प्रतिस्पर्धी होना अनिवार्य है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति भारतीय फुटबॉल टीम के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि टीमों को शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए अधिक तैयारी और संसाधनों की आवश्यकता होगी।
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भारतीय फुटबॉल संघ ने कहा कि वह खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के साथ मिलकर इस स्थिति का मूल्यांकन कर रहा है और भविष्य में टीम को बेहतर प्रदर्शन के लिए रणनीतियाँ तैयार करेगा। इसके बावजूद, एशियाई खेलों में भागीदारी को लेकर आशंका बनी हुई है।
यह नीति भारतीय खेलों में चयन और संसाधन वितरण के लिए एक नया दृष्टिकोण पेश करती है, जिसमें प्रदर्शन और रैंकिंग को प्राथमिकता दी जाती है।
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