फाइड महिला विश्व कप के इतिहास में पहली बार भारत को विजेता मिलने जा रहा है, क्योंकि टूर्नामेंट के फाइनल में दो भारतीय ग्रैंडमास्टर्स – कोनेरु हम्पी और आर. वैशाली देशमुख – आमने-सामने होंगी। यह पल भारतीय शतरंज के लिए ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है।
कोनेरु हम्पी, जो लंबे समय से भारत की शीर्ष महिला शतरंज खिलाड़ी रही हैं, और युवा उभरती खिलाड़ी आर. वैशाली देशमुख, दोनों ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई है। इसके साथ ही, दोनों खिलाड़ियों ने महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट 2026 के लिए भी अपनी जगह सुनिश्चित कर ली है, जो विश्व शतरंज चैंपियनशिप की दावेदारी के लिए अगला बड़ा मंच है।
फाइनल मैच केवल व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का नहीं, बल्कि यह भारतीय महिला शतरंज की बढ़ती ताकत का प्रतीक भी बन गया है। यह दिखाता है कि भारत अब न केवल पुरुषों के शतरंज में बल्कि महिलाओं के स्तर पर भी वैश्विक मंच पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
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आर. वैशाली देशमुख के लिए यह उपलब्धि और भी खास है, क्योंकि वह पहली बार विश्व कप फाइनल में पहुंची हैं। वहीं, हम्पी का अनुभव उन्हें इस मुकाबले में बढ़त दे सकता है।
फाइनल मुकाबले को लेकर भारतीय शतरंज प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच भारी उत्साह है। जो भी विजेता बने, यह जीत भारतीय शतरंज के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
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