केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में संसद में प्रस्तुत किए गए राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक को एक ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि यह विधेयक भारत के खेल क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक नया युग लाएगा।
रिजिजू के अनुसार, यह विधेयक उन समस्याओं को दूर करने के लिए तैयार किया गया है जो लंबे समय से भारतीय खेल निकायों में व्याप्त हैं, जैसे कि आंतरिक गड़बड़ियाँ, वित्तीय अनियमितताएं, पदाधिकारियों की जवाबदेही की कमी और खिलाड़ियों के अधिकारों की उपेक्षा। उन्होंने कहा कि यह कानून खेल संगठनों को अधिक उत्तरदायी और पेशेवर बनाएगा।
इस विधेयक के तहत सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को पंजीकरण, वित्तीय पारदर्शिता, आंतरिक लोकतंत्र और स्वतंत्र निगरानी प्रक्रिया अपनानी होगी। खिलाड़ियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान शामिल किए गए हैं, ताकि उन्हें चयन, प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा में किसी भी प्रकार का भेदभाव न झेलना पड़े।
किरण रिजिजू ने यह भी कहा कि यह विधेयक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "खेलो इंडिया" और "युवा भारत" विज़न को आगे बढ़ाने का एक मजबूत कदम है। इससे भारत में खेल संस्कृति को मजबूती मिलेगी और युवा प्रतिभाओं को उचित मंच प्राप्त होगा।
विशेषज्ञों और खिलाड़ियों ने इस विधेयक का स्वागत करते हुए इसे समय की जरूरत बताया है। यह विधेयक अगर प्रभावी रूप से लागू हुआ, तो भारत को वैश्विक खेल मानचित्र पर और मजबूत बना सकता है।