भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पहली बार 2006 के बाद टी20 सीरीज में जीत दर्ज की और लगातार दूसरी बार वनडे सीरीज पर कब्जा जमाया। यह जीत न सिर्फ टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाती है बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के लिए नए अध्याय की शुरुआत भी करती है।
हर्मनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम इंडिया ने इंग्लैंड की धरती पर मजबूत प्रदर्शन दिखाया। नई खिलाड़ियों का उभरना, फील्डिंग में जबरदस्त सुधार और बल्लेबाजी-बॉलिंग में संतुलन ने टीम को यह सफलता दिलाई। खासतौर पर युवा खिलाड़ियों ने निर्णायक मौकों पर शानदार प्रदर्शन कर टीम को जीत की राह दिखाई।
टी20 सीरीज जीत 18 साल बाद हासिल हुई, जो यह दर्शाती है कि टीम ने अपने खेल में कितना विकास किया है। वहीं वनडे सीरीज में लगातार दूसरी जीत ने यह साबित कर दिया कि भारतीय महिला टीम अब विदेशी परिस्थितियों में भी मजबूती से खेलने लगी है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस जीत से आने वाले बड़े टूर्नामेंटों में टीम का आत्मविश्वास बढ़ेगा और विश्व स्तर पर भारतीय महिला क्रिकेट को नई पहचान मिलेगी। फील्डिंग में किए गए सुधारों को कोचिंग स्टाफ की मेहनत का नतीजा माना जा रहा है।
टीम की यह डबल जीत महिला क्रिकेट के लिए प्रेरणा है और यह संदेश देती है कि अब भारतीय महिला खिलाड़ी किसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में जीतने का माद्दा रखती हैं।
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