अमेरिकी चिप निर्माता कंपनी इंटेल (Intel) ने अपनी ताज़ा तिमाही रिपोर्ट में मुनाफे की घोषणा की है, जबकि कंपनी अब भी वैश्विक बाजार में अपनी खोई हुई हिस्सेदारी वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही है। यह इंटेल की पहली तिमाही रिपोर्ट है जब अमेरिकी सरकार कंपनी की प्रमुख शेयरधारक बन गई है।
सितंबर में समाप्त तीन महीनों के दौरान कंपनी ने 4.1 अरब डॉलर (लगभग ₹34,000 करोड़) का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जो प्रति शेयर 90 सेंट रहा। पिछले वर्ष इसी अवधि में कंपनी को 17 अरब डॉलर (लगभग ₹1.4 लाख करोड़) का घाटा हुआ था। कंपनी की कुल राजस्व में 3% की वृद्धि दर्ज की गई और यह $13.7 अरब पर पहुंच गई।
रिपोर्ट जारी होने के बाद इंटेल के शेयरों में आफ्टर-आवर्स ट्रेडिंग में लगभग 8% की वृद्धि हुई, जिससे इसकी कीमत $41.10 तक पहुंच गई। यह उछाल अमेरिकी सरकार द्वारा इस साल गर्मियों में कंपनी में निवेश करने के बाद आई लगातार तेजी का हिस्सा है।
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हाल ही में नियुक्त सीईओ लिप-बू टैन (Lip-Bu Tan) ने कंपनी की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए हजारों नौकरियाँ कम कीं और कई परियोजनाओं को रोक दिया है ताकि घरेलू और विदेशी प्रतिस्पर्धियों से बेहतर मुकाबला किया जा सके।
अगस्त में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी कंपनियों को मज़बूत करने के उद्देश्य से इंटेल में अमेरिकी सरकार की 10% हिस्सेदारी लेने की घोषणा की थी। इसके तहत इंटेल ने CHIPS and Science Act-2022 के तहत पहले से स्वीकृत 9 अरब डॉलर के बदले अपने शेयर सौंपे।
इंटेल को सितंबर में प्रतिद्वंदी कंपनी एनवीडिया से $5 अरब और इस साल की शुरुआत में जापानी टेक कंपनी सॉफ्टबैंक से $2 अरब प्राप्त हुए।
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