नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शनों में टेक्नोलॉजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और चैट एप्स जैसे Discord और Bitchat ने प्रदर्शनकारियों और नागरिकों को जोड़ने, संवाद करने और रणनीतियों पर चर्चा करने का एक बड़ा मंच प्रदान किया है।
एक Discord सर्वर, जिसमें 1,45,000 से अधिक सदस्य हैं, में विशेष रूप से यह चर्चा गर्म रही कि देश में अंतरिम नेता कौन हो सकता है। इस मंच पर कई सदस्यों ने 73 वर्षीय पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुषिला कार्की को इस भूमिका के लिए आगे बढ़ाने का समर्थन किया। सर्वर पर इस विषय पर तीव्र बहस और विचार-विमर्श जारी है, जिसमें राजनीतिक दृष्टिकोण, योग्यता और नेतृत्व क्षमता जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि इस प्रकार के डिजिटल मंचों ने पारंपरिक मीडिया और राजनीतिक संरचनाओं की तुलना में तेज़ और व्यापक संवाद की सुविधा प्रदान की है। युवा और डिजिटल जनरेशन इन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से सक्रिय रूप से अपनी राय साझा कर रहे हैं और विरोध प्रदर्शन के दिशा-निर्देशन में प्रभाव डाल रहे हैं।
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यह स्थिति यह भी दिखाती है कि कैसे टेक्नोलॉजी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और नागरिक सक्रियता में भूमिका निभा सकती है। हालांकि, इसके साथ ही सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों और गलत सूचनाओं का खतरा भी बढ़ गया है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता और तनाव उत्पन्न हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल में तकनीक का यह उपयोग लोकतंत्र और नागरिक भागीदारी के लिए नया अध्याय खोल सकता है, बशर्ते इसे जिम्मेदारी और सतर्कता के साथ उपयोग किया जाए।
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