अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इंटेल कॉरपोरेशन ने एक बड़े सौदे के तहत अमेरिकी सरकार को अपनी हिस्सेदारी बेचने पर सहमति जताई है। इस समझौते के अनुसार, अमेरिका इंटेल में 9.9% इक्विटी हिस्सेदारी खरीदेगा, जिसकी कुल कीमत 8.9 बिलियन डॉलर (लगभग ₹74,000 करोड़) होगी। यह निवेश प्रति शेयर 20.47 डॉलर के भाव पर किया जाएगा।
शुक्रवार को बाजार बंद होने पर इंटेल का शेयर मूल्य 24.80 डॉलर रहा था। इस हिसाब से सरकार को लगभग 4 डॉलर प्रति शेयर की छूट मिल रही है। ट्रंप ने इसे “अमेरिकी चिप निर्माण को मज़बूत बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम” बताया।
ट्रंप ने कहा कि यह निवेश न केवल अमेरिकी तकनीकी उद्योग को मजबूती देगा, बल्कि सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन को भी सुरक्षित करेगा। उनके मुताबिक, इससे अमेरिका विदेशी आपूर्ति पर निर्भरता कम कर सकेगा और घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
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हालांकि, इस सौदे पर कुछ विश्लेषकों ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकारी निवेश के बावजूद बाज़ार में प्रतिस्पर्धा प्रभावित हो सकती है और निजी क्षेत्र की स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है। दूसरी ओर, उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सौदा अमेरिकी सेमीकंडक्टर नीति में बड़ा बदलाव ला सकता है और स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देगा।
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