जामिया मिलिया इस्लामिया के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में दिल्ली के सरकारी और निजी प्री-स्कूलों के बुनियादी ढांचे, स्वच्छता और सुरक्षा मानकों के बीच स्पष्ट असमानताएं सामने आई हैं। अध्ययन में कुल 45 प्री-स्कूलों का मूल्यांकन किया गया, जिनमें 15 आंगनवाड़ी केंद्र, 15 सरकारी प्री-स्कूल और 15 निजी प्री-स्कूल शामिल थे।
शोध के अनुसार, निजी प्री-स्कूल अधिकतर मामलों में बेहतर अधोसंरचना, स्वच्छता सुविधाएं और शिक्षण संसाधन उपलब्ध कराने में आगे रहे, जबकि सरकारी और आंगनवाड़ी केंद्रों को सीमित बजट और स्टाफ की कमी से जूझना पड़ रहा है। कई सरकारी प्री-स्कूलों में बच्चों के बैठने और खेलने की पर्याप्त जगह नहीं थी, वहीं शौचालयों और साफ पानी की उपलब्धता भी असमान पाई गई।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि सुरक्षा प्रबंधन और आपातकालीन सुविधाओं के मामले में निजी संस्थान अपेक्षाकृत बेहतर हैं। वहीं, आंगनवाड़ी केंद्रों में प्रशिक्षण स्तर में कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
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शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि सरकार को प्रारंभिक बाल शिक्षा के मानकों को एकरूप करने और सभी संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकारी प्री-स्कूलों को पर्याप्त संसाधन और प्रशिक्षण दिए जाएं, तो वे निजी स्कूलों की तरह गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकते हैं।
यह अध्ययन दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में समान अवसर और गुणवत्ता सुधार की दिशा में नीति निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण संकेत प्रदान करता है।
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