हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) ने शनिवार (15 नवंबर, 2025) को कहा कि उसे आंध्र प्रदेश में टंगस्टन ब्लॉक की खोज और खनन के लिए राज्य सरकार से लाइसेंस प्राप्त हो गया है। यह वेदांता समूह की इस कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि अब वह जिंक, लेड और सिल्वर से आगे बढ़कर उन्नत विनिर्माण के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण और उच्च-मूल्य वाले खनिजों में विस्तार कर रही है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, “हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को आंध्र प्रदेश में टंगस्टन और उससे जुड़े खनिज ब्लॉक के लिए औपचारिक कंपोज़िट लाइसेंस मिलने के बाद सफल बोलीकर्ता घोषित किया गया है।”
खनन क्षेत्र में कंपोज़िट लाइसेंस एक दो-स्तरीय रियायत होती है, जिसके तहत कंपनी को पहले खनिजों की खोज करने और खोज सफल होने पर खनन करने का अधिकार मिलता है।
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इस वर्ष की शुरुआत में, केंद्र सरकार द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से HZL को पसंदीदा बोलीदाता घोषित किया गया था।
कंपनी के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “यह उपलब्धि हिंदुस्तान जिंक की खनिज उपस्थिति बढ़ाने और देश को महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम है।”
HZL दुनिया का सबसे बड़ा एकीकृत जिंक उत्पादक है और वैश्विक स्तर पर शीर्ष पाँच सिल्वर उत्पादकों में शामिल है। कंपनी 40 से अधिक देशों को आपूर्ति करती है और भारत के प्राइमरी जिंक बाजार में लगभग 77% हिस्सेदारी रखती है।
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