भारत के श्रम बाज़ार के बारे में नए आंकड़े चिंताजनक संकेत दे रहे हैं। ग्लोबल हायरिंग और मैचिंग प्लेटफ़ॉर्म Indeed द्वारा जारी हालिया डेटा के अनुसार अक्टूबर महीने में देश में औपचारिक नौकरी सृजन में और गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट बताती है कि प्लेटफ़ॉर्म पर जॉब पोस्टिंग में 5.6% की कमी आई है, जो लगातार दूसरे महीने की गिरावट है। इससे कुल जॉब पोस्टिंग पिछले साल की तुलना में 19.8% कम हो गई हैं, जिससे यह साफ है कि भर्ती गतिविधियों में मंदी जारी है।
हालांकि स्थिति चुनौतीपूर्ण है, लेकिन डेटा का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि भारत में जॉब पोस्टिंग अभी भी प्री-पैंडेमिक स्तर से 60% अधिक हैं। इसका मतलब है कि महामारी से पहले की तुलना में भारत का जॉब मार्केट काफी बड़ा हुआ है। लेकिन दूसरी ओर, जनवरी 2023 में दर्ज की गई उच्चतम स्थिति से अब तक जॉब पोस्टिंग में 25% की गिरावट हो चुकी है, जो यह दर्शाती है कि भर्ती की गति धीमी हो रही है।
रिपोर्ट यह भी संकेत देती है कि कंपनियां फिलहाल सतर्क रुख अपनाए हुए हैं। आर्थिक अनिश्चितताओं, वैश्विक मांग में उतार-चढ़ाव और तकनीकी बदलावों के चलते कई उद्योग स्थिरता का इंतज़ार कर रहे हैं। इसी वजह से नए अवसरों की रफ्तार पहले की अपेक्षा कम दिखाई दे रही है।
और पढ़ें: भारत में श्रम बल भागीदारी छह माह के उच्च स्तर पर, महिलाओं की भागीदारी में लगातार बढ़ोतरी
श्रम बाज़ार के विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में भी यही प्रवृत्ति जारी रह सकती है, हालांकि कुछ सेक्टर—जैसे आईटी सेवाएं, ई-कॉमर्स, हेल्थकेयर और मैन्युफैक्चरिंग—अब भी मांग को बनाए हुए हैं।
भारत के नौकरी बाज़ार में यह धीमापन युवाओं और पेशेवरों के लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन प्री-पैंडेमिक स्तर से ऊपर बने रहना यह संकेत देता है कि लंबे समय में विकास की संभावना अभी भी मजबूत है।
और पढ़ें: सरकार ने IMF के 50% टैरिफ वाले आकलन को खारिज किया, कहा—विकास दर पर प्रभाव बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया