ईरान और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने परमाणु सहयोग से जुड़ी वार्ताओं को फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है। यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर वैश्विक स्तर पर गहरी चिंताएं बनी हुई हैं।
जानकारी के अनुसार, दोनों पक्षों ने तकनीकी सहयोग, निरीक्षण और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए साझा रोडमैप तैयार करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम केवल शांति और ऊर्जा उत्पादन जैसे उद्देश्यों तक सीमित रहे और हथियारों के विकास की दिशा में न जाए।
आईएईए प्रमुख ने कहा कि यह समझौता विश्वास बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नियमित संवाद और सहयोग से विवादों को कम करने और परमाणु कार्यक्रम की पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी। वहीं, ईरानी अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वे अंतर्राष्ट्रीय नियमों और समझौतों के अनुरूप काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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विश्लेषकों का मानना है कि यह समझौता न केवल मध्य पूर्व क्षेत्र में स्थिरता बढ़ाने में सहायक होगा बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी सकारात्मक संकेत है। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने भी इस पहल का स्वागत किया है, हालांकि वे इस बात पर नज़र रखेंगे कि ईरान अपने वादों को व्यवहार में कैसे लागू करता है।
पिछले कुछ वर्षों से ईरान और पश्चिमी देशों के बीच परमाणु समझौते को लेकर तनाव बना हुआ है। ऐसे में यह नई पहल आगे की वार्ताओं के लिए आधार तैयार कर सकती है।
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